दौड़ता सा इक क्षण ठहरता कभी पल सिमटे रूचिर तन सहमे चंचल मन मौन पुरानी दीवार बंद खिड़की किवाड़ मजमा नित अनाम ठहरी स्याह सी निश लौ विहीन उजास तड़पे मन भीतर नयन …
Read moreहोली..... फागुन की मस्ती छाई घर आँगन में खुशियाँ लाई तमाशों की गूँज अपनो को ले देखो फिर होली आई। मीठी गुझिया और सेव की सुगंध सारे घर को महकाई ढोल ,नगाड़े …
Read moreजीवन एक गुलदस्ता ..... (मुक्तक) जीवन एक गुलदस्ता फूलों भरा गुलाब,चमेली,जसवंती सजी हर फूल महकता भीनी खुशबू लिए । कभी फूल महकते इसमें अपार …
Read moreकौन हूँ...... बतलाओ मैं कौन हूँ काली घटाओं सी बरसती बूँदों सी या बेबस मौन हूँ। इक अटल शीला या सुमन सी कोमल हूँ हरपल खिलखिलाती यूँ चं…
Read moreलौट आये पिता.... लौट आये पिता..... देखा एक अनोखा सपना पाई वो सुखद छाया सी घर आँगन के हर क…
Read moreखुद को पुनः बनाना .......................... खुद को पुनः बनाना ! बिखर गया जो कतरा-कतरा उसको फिर से आज सजाना ! फेक दिया जो टुकड़े करके उसे जोड़कर…
Read moreउनका इंतजार आए नहीं अभी तक प्रियतम उनका अब तक इंतजार है ! पाने को इक झलक पिया का ये दिल कितना बेकरार है ! जो कलतक गुलजार बना था वो गलियां…
Read moreनगर से दूर...... नगर से दूर गाँव में छोटी बस्ती सी एक हरे भरे खेतों के समीप सुखद आराम सुगंध भरी वायु बहती मंत्रमुग्ध कर रंग बिरंगे परिदृश्य में…
Read moreआओगे मेरे द्वार कभी दंभ देहरी पर झटक आना रख देना गुस्सा बाहर ही निर्मल मन ले भीतर आना मंदिरों सा पावन मन मेरा सजा थाल प्रतीक्षा करता रख ही लूँगी मान तुम्ह…
Read moreचाँद की चाँदनी चमचमाई चाँद की चाँदनी चमचमाई मौसम ने यूँ करवट बदली फ़िजाओं में दिशा दिखलाई हवाओं में घुली ठंडक सी शीतलता ले शरदॠतु …
Read moreनभ में था वो एक सितारा नभ में था वो एक सितारा लगता था हम सबको प्यारा चमचमाके सबको हँसाता सामने वो जब भी आता ऊर्जा नई सबको दे जाता दुः…
Read moreआइये मिलकर हिंदी का सम्मान करते है अपने देश का मान करते है हिन्दी मेरा गौरव हिंदी मेरी पहचान हिन्दी मेरे देश की भाषा हिन्दी से है अस्तित्व हम…
Read moreधरा ने ओढ़ी चादर नई !! प्रकृति पर कविता !!Best Nature Poem in Hindi !! प्रकृति की छटा अपने आप में अनुपम एवं मनोहर होती है| मौसम एवं ऋतु के बदलने स…
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