जीवन एक गुलदस्ता ..... (मुक्तक)

जीवन एक गुलदस्ता फूलों भरा
गुलाब,चमेली,जसवंती सजी
हर फूल महकता भीनी खुशबू लिए ।

कभी फूल महकते इसमें अपार
काँटे चुभते कभी गहरे बार बार
काँटो से तुम हर पल बचना
संग प्यारे फूलों के महकना।

गुलाब से पाकर रंगत नई
चमेली ,मोगरे की सुगंध कई
हर फूल की सुगंध अनोखी
कुछ भीनी तो कभी तीव्र होती

जीवन का रंग भी इनके जैसा
हर फूल की अलग सी क्यारी
सुख-दुख आता बारी बारी।

दुख दर्द से ना घबराना
हर पौधे को सींचते जाना
सूखे डंठलों में से इक दिन
कोपल फिर नए उग आएंगे।

आशा, विश्वास को लेकर
नए पुष्प खिल जायेंगें
काँटो से सुंदर पुष्प चुनना
जीवन मे नए रंग भरना।

बगिया ये जीवन की खिल जाएगी
सुगन्ध से हर दिशा को सुवासित
कर जाएगी।

  ✍️  "कविता चौहान"
        स्वरचित एवं मौलिक