रहे ना रहे रोक लो रहा मेरी फिर शायद ये आलम रहे ना रहे आज भर लो दिन तुम्हारा फिर ये दिलबर रहे ना रहे ढूंढती रह जाएगी फिर ये राहें निशा मोहब्बत…
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अब कैसे जियूं मेरी जिंदगी मेरे प्यार से जुदा होकर अब कैसे जियूं लगता है घूंट ये जहर का अब कैसे पियूं आती है पल पल याद उसकी ना रह पाई …
Read moreये कैसा मौसम यह कैसा मौसम आया है ना दिखाई देती कोई धूप नहीं कोई छाया है लग रहा था बसंत जैसे आ गया पतझड़ ही अब पत्ते भी शाखों से टूटे हुए हैं प…
Read moreसो गया मैं तो सो गया मैं तो गहरी नींद में क्यों मुझे जगा रहे हो याद आऊंगा सबको फिर भी मुझे भुला रहे हो। जा रहा हूं छोड़कर साथ सबका फिर क्यों…
Read moreवो कितना करीब था मुझे लगा मेरा हो गया वो देखा सब सुन लिया सब लगा मुझमे कहीं खो गया वो ,डर …
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