अनियंत्रित वाहन और दुर्घटना
                                                        
                                                    ***वो भयानक तेज गति***
 

 
 
 
बात कुछ दो-तीन साल पहले की है। मैं अपने परिवार समेत साँई बाबा के दर्शन करने हेतु जा रही थी। हम लोग रात 9:00 बजे निकले दूसरे दिन दोपहर तक हम लोग सब शिर्डी पहुंचकर दर्शन करने लगे। बड़े आराम से दर्शन हो गए शिर्डी के साथ-साथ त्रंबकेश्वर, सप्तश्रृंगी माता जी के दर्शन भी किये। ड्राइवर 20-25 साल का युवक था उसे गाड़ी चलाने का अच्छा खासा अनुभव था ।हम लोग वापसी के लिए लौटने लगे ।वह कुछ म्यूजिक बजाने लगा और गाड़ी तेज गति से चला रहा था मैंने उसे गाड़ी धीमी गति से चलाने एवं म्यूजिक बंद करने के लिए कह दिया उसने कुछ देर के लिए म्यूजिक बंद कर दिया ।गाड़ी चलते चलते महाराष्ट्र हाईवे पर पहुँची।वहाँ बड़े और भारी वाहन जैसे ट्रक ,ट्राले, डंपर इंजन आदि भी तेज गति से दौड़ रहे थे।
 
 तड़के करीब 4:00 रहे होंगे हमारी गाड़ी सेंधवा पर पहुंची ही थी कि  ड्राइवर को झपकी लग गई और उसने गाड़ी को ऑपोजिट लेन में उतार दिया ।वहां से बहुत भारी वाहन गुजर रहे थे। हम लोग कुछ समझ पाते इससे पहले एक बहुत बड़ा झटका आया और गाड़ी ऑपोजिट लेन में पहुंच गई गनीमत हर रही कि उस वक्त वहां से कोई ट्रक नहीं गुजरा और गाड़ी ऑपोजिट लेन से होते हुए जंगल में जा गीरी ,पलटी खा गई। हम लोग चिल्लाए सबको मामूली चोटे आई ।गाड़ी का आगे का हिस्सा,साइड विंडो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके थे पर हम लोगों को बहुत ज्यादा चोटें नहीं आई थी । प्रातः काल के 4:30 बजे थे हम लोग सेंधवा हाईवे पर पूरा परिवार डरे से हमें खड़े थे। तेज अनियंत्रित गति ने  इस भयानक हादसे को जन्म दिया था। कुछ घंटे खड़े रहने के बाद हम लोग पब्लिक कन्वेंस से इंदौर आ गए ।वह घटना आज भी भुलायें नहीं भूलती।
 
 इस पर मेरे सिर्फ यही विचार है की वाहनों को सावधानी से एवं अत्यंत तेज गति से नहीं दौड़ाया जाना चाहिए ।एक छोटी सी सावधानी रखकर भी  एक बड़े हादसे को डाला जा सकता है।
हम यह तो नही जानते कि सामने वाला किस गति से गाड़ी चला रहा होगा।किंतु तेज गति एवं ओवर लोड वाहनों से बचकर हम दुर्घटनाओं से बचाव जरूर कर सकते है।