***** गुनगुनाती धूप *****
गुनगुनी धूप चमक सूरज की
गुनगुनाती दमक चेहरे की
हर पल,संग है प्यार तेरा
संवर जाये यूं जीवन मेरा
सूरज की किरणे चमकती
कहीं ओस की बूंदे दमकती
याद तेरी मीठी पुरवाई
दिल के हर कोने में समाई
धूप छांव और दिन रात में
हम दो पंछी एक आकाश में
सुबह शाम तुझ बिन अधूरी
संग तेरे मिट जाये दूरी
कभी लगता मौसम सुहाना
यही इक पल का अच्छा बहाना
भीनी महक हवा में फैली
धवल किरण करें अटखेली
संग नजर आये तेरा साया
बनके आसमां तू ही छाया
यादें तेरी जीवन सारा
मैं इक नदी तू ही किनारा।
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