धरा ने ओढ़ी चादर नई !! प्रकृति पर कविता !!Best Nature Poem in Hindi !!

 

 

 प्रकृति की छटा अपने आप में अनुपम एवं मनोहर होती है| मौसम एवं ऋतु  के बदलने  से प्रकृति की सुंदरता और बढ़ जाती है,यह तो नैसर्गिक परिवर्तन होता है , जो बहुत  सुखद एवं आनंद  प्रदान करने वाला होता है | आइये प्रकृति के सौंदर्य के लिए एक कविता जो आपको अवश्य पसंद आएगी | 

 

 


 

 

 

धरा ने ओढ़ी चादर नई 

चारो ओर  हरियाली छाई 

बिखर गए घास के तृण  भी 

पेड़ों ने  नई रंगत पाई 

आम ,नीम ,जामुन  बौराए 

भौरे मधु पीने  को आए 

टेसू की देखो महकी है डाली 

कूक  रही कोयल  मतवाली 

जुगनू निशा में ही विचरते 

जगमगा तारों से दमकते 

बरसी आज घटाएं काली 

बही पवन सुख देने वाली |