संत हुआ एक दुबला पतला सन्त हुआ एक दुबला पतला पहने था जो सफेद धोती चलता जैसे बिजली सी गति उसने हाथ मे थी लाठी उठाई। पोरबंदर गुजरात मे जनमे …
Read moreआओ पितरों का स्मरण करें आओ पितरों का स्मरण करें विदा हुए जो इस संसार से देकर स्नेह आशीष हमें उनके लिए तर्पण करें न आएंगे लौटकर फिर कभी वे …
Read moreकभी बेवजह ही मुस्कुरा दीजिये कभी बेवजह ही मुस्कुरा दीजिये बिना बात के भी खिलखिला दीजिये। हर पल है जिंदगी में कुछ खास ऐसे वैसे …
Read moreशेरों शायरियाँ जिगर का टुकड़ा सौंप कर भी किसी ने मुझसे मांग ली दौलत कैसे समझाता मैंने पहले ही दे दी जिंदगी भर की शोहरत।। Jigar ka tukda …
Read moreहर मंज़र आज हर मंजर सहमा क्यों है लगी है भीड़ जाने कैसी शहर में तेरे फिर भी हर शख़्स तन्हा क्यों है ढूंढ रही है राहें तुझको फिर भी तू दरबदर…
Read moreहिंदी भाषा है भावों की जो अभिव्यक्ति दिलाती है। निराली है सब भाषाओ से पहचान अलग बनाती है। अखण्डता में एकता का बोध कराती है। है हर भारतीय…
Read moreमासूम कली फिर से एक मासूम कली मसलाई होगी किस ने ये सजा दिलाई होगी अनजान सी जा रही होगी उसकी राह किसीने रोक ली होगी बेशर्मी से फिर …
Read moreकभी खुद के लिए भी जी लिया करो कभी खुद के लिए भी जी लिया करो ज़िंदगी है कुछ उलझी सी कभी कभी खुशहाल तो गमगीन भी है ज़ख़्म है हर दिल में कह…
Read moreएक मरी हुई बेटी एक मरी हुई बेटी से तलाक़शुदा ज्यादा अच्छी है। एक रोती हुई विवाहिता से अकेली बैठी ज्यादा अच्छी है। कदर नही जिसके मन सम्…
Read moreगुरु गुरु मार्गदर्शक है राह नई दिखलाता है गुरु से है नव निर्माण ,एक पथपदर्शक भी बन जाता है जलकर स्वयं दीप सा ओरो को रोशन कर जाता है गुरु …
Read moreचल दिया मुसाफिर चल दिया मुसाफिर खाली मकान रह गया राहें पूछती रही जाने कहां चल दिया कल तक जो लगते अपने से थे वो अब बेगाने हो चले लग रहा था सब…
Read moreइस बार जरूर आना भईया इस बार जरूर आ जाना भईया ये राखी मेरे साथ मनाना भईया करती हूं इंतज़ार साल भर इस उत्सव का तुम्ही से तो है रंग मेरे इस त्…
Read moreवो तोड़ती पत्थर नए तोड़ती रहती हर रोज वो पत्थर नए सिर पर थामे बोझ हाथों में फावड़ा कुदाली लिए निकल पड़ती निज भोर होते ही न मौसम की सुध न स…
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