हिंदी

 

 

 

 

भाषा है भावों की जो अभिव्यक्ति दिलाती है।
 

निराली है सब भाषाओ से पहचान अलग बनाती है।
 

अखण्डता में एकता का बोध कराती है।
 

है हर भारतीय की ज़ुबानी सबको समझ भी आती है।
 

समाये अपने मे अनेक बोलियां इक भाषा फिर बन जाती है।
 

इन सब विशेषताओँ से भरी हिंदी हमारी कहलाती है।
 

हिंदी है परम्परा हमारी उन्नत  हमको बनाती है।
 

जननी है हमारी संस्कार हमको सिखलाती है।
 

संकेतो से भरी दूसरी भाषा हिंदी पूर्ण रूप दर्शाती है।
 

न कोई शब्द ' साइलेंट' होता हिंदी की बिंदी भी बहोत कुछ कह जाती है।
 

हिंदी है पहचान हमारी गौरव हमको दिलाती है।।