हे कलम तुम जब भी लिखना इक अद्भुत बात लिखना चमत्कार कुछ नया करके एक अजब इतिहास लिखना। दुखी हॄदय का क्रंदन लिखना किसी पीड़ित का बंधन लिखना न केवल…
Read moreहम दो अंजाने !! Heart Touching Poem On Marriage !! विवाह पर दिल को छू लेने वाली सुंदर कविता !! कल तक हम दो अंजाने थे कुछ अजनबी बेगाने थे तकदी…
Read moreकदम बढ़ाकर देखो .......................... हर मंजर मुस्काएगा किस्मत भी खुल जाएगी , चंदा आकर तेरे आंगन निस दिन गीत सुनाएगा , मुश्किल से तुम लड़ना सी…
Read moreफिर वो नई इक आस होगी टिमटिमायेगा हर सितारा जुगनुओं से रोशन रात होगी आज वो अनोखी बात होगी मुझे दीप फिर जलाना है रात अंधेरी रोशन करना है चाँद तुम फिर से इ…
Read moreनित भोर के चले आते ही चहुँ ओर वो पथ निहारती एकटक ओटले पर बैठे वो तब राह देखती होगी काम से टूटी शिथिल काया थकन से चूर चूर होके रूखी रोटी थाल में सजा वो तब…
Read moreगूँज वो पिचकारी की रंगों की बौछार राधा की उम्मीदें किशन का सारा प्यार पकवानों की खुशबू खुशियों की बहार मतवालों की टोली रंग बिरंगी जलधार भाँग,ठंडाई की मस्त…
Read moreवो इक नदी सी...... वो इक नदी सी अल्हड़ इक हिरनी सी चंचल सहज सी कभी प्रमुदित प्रखर किरणों संग उदित कभी सरल कहीं निरुपम उपहार इक अनुपम चित मनोरमय एवं सुगम …
Read moreमतवालों की चली रे टोली फागुन की फिर आई होली सेव ,चकली,गुझिया बनाई पकवानों की सुगंध आई बच्चे,बूढ़े सब रंग जाये अजब गजब से वो दिखलायें किशन राधा ने रास रचाया…
Read moreहर पति परमेश्वर नही होता.... करम से हर जन जाना जाये छोटा बड़ा सबको दिखलाये एतबार उसका यूँ न खोता हर पति परमेश्वर नही होता किसी पथ पर न अबला रोती डरी,सहमी न…
Read moreवो नई नारी है.... पहुँच गई गगन तक वो देखो अब चाँद छूने की बारी है चमक रही संग तारों के ही वो आज की नई नारी है भय,चिंता, से सदा दूर रहती उन्मुक्त गगन में प…
Read moreदौड़ता सा इक क्षण ठहरता कभी पल सिमटे रूचिर तन सहमे चंचल मन मौन पुरानी दीवार बंद खिड़की किवाड़ मजमा नित अनाम ठहरी स्याह सी निश लौ विहीन उजास तड़पे मन भीतर नयन …
Read moreहोली..... फागुन की मस्ती छाई घर आँगन में खुशियाँ लाई तमाशों की गूँज अपनो को ले देखो फिर होली आई। मीठी गुझिया और सेव की सुगंध सारे घर को महकाई ढोल ,नगाड़े …
Read moreजीवन एक गुलदस्ता ..... (मुक्तक) जीवन एक गुलदस्ता फूलों भरा गुलाब,चमेली,जसवंती सजी हर फूल महकता भीनी खुशबू लिए । कभी फूल महकते इसमें अपार …
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