****कर्म पथ**** टूटा हुआ कोई पात नहीं बिखरी हूँ पर अज्ञात नहीं बहती हवाओं ने पाला काली घटाओं ने संभाला तेज धूप चमकना सिखाया तूफानों ने…
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रहे ना रहे रोक लो रहा मेरी फिर शायद ये आलम रहे ना रहे आज भर लो दिन तुम्हारा फिर ये दिलबर रहे ना रहे ढूंढती रह जाएगी फिर ये राहें निशा मोहब्बत…
Read moreएक सुंदर कविता हिंदी में // प्रभु तुम सुनना // ***प्रभु तुम सुनना*** प्रभु तुम तो मेरी भी सुनना आई तुम्हारे चरणों में लेकर एक व…
Read moreझांसी की रानी पर एक सुंदर कविता हिन्दी में !! ***झाँसी की रानी*** जब रानी ने चमकती हुई इक तलवार उठाई थी फिरंगियों को मार भगाया लक्ष्मी बा…
Read more****सूना सदन**** पत्थर के दरवाज़े दीवारें पुराने सदन आई दरारें कभी रश्मियाँ न ही झाँकती बरबस सी निशा मुख ताकती बरसों ही आवाक मौन बड़ा तृण …
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