चल पड़ा है वो हांथो में कुदाली फावड़ा ले चल पड़ा है वो पसीने से तर बतर अपनी थकान कभी न देखता है जो फ़टे मेले कुचैले वस्त्र पहनकर भ…
Read moreकितना मुश्किल है कितना मुश्किल है वक्त देखो संभल जाओ बहता ये रक्त देखो पल पल डर रहा हर इंसान देखो कोई न रोक पा रहा ये सब होकर देख र…
Read moreये मंजर फिर बदल जायेगा ये मंजर फिर बदल जायेगा आज फिर बीता हुआ कल हो जाएगा दुख के बादल फिर छट जाएंगे हर इंसान फिर मु…
Read moreवो मजदूर है रोज नए घर बनाता कभी न थकता है वो कभी इधर कभी उधर निकल पड़ता है वो नित नए आशियाने बनाता कभी एक घर पर न ठहर सका है वो सबके लिए एक…
Read moreकल फिर एक नया सूरज आएगा कल फिर एक नया सूरज आएगा नई उजियारी दिखलायेगा फिर से फूल महकेंगे राहों में नई किरण जगमगाएगी हर कल…
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