ये मंजर फिर बदल जायेगा
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
ये मंजर फिर बदल जायेगा 
आज फिर बीता हुआ कल
हो जाएगा
दुख के बादल फिर छट जाएंगे
हर इंसान फिर मुस्कुराएगा
एक बार फिर चाँद जगमगायेगा
फिर सितारा झिलमिलायेगा
खिल उठेगी कली फिर से
गुलशन फिर से महक जाएगा
सुने रास्ते फिर बदल जाएंगे
उदास चेहरे फिर खिल जाएंगे
मौत से परे फिर एक नव जीवन 
का संचार होगा
ये काले बादल फिर हट जाएंगे 
एक नए सवेरे का फिर से आगाज होगा
न रहेगी फिर कोई राह जनाज़े से भरी
हर गली फिर सजेगी हर चौराहा फिर 
शामियाना हो जाएगा।।