चल पड़ा है वो

चल पड़ा है वो                     हांथो में कुदाली फावड़ा ले चल पड़ा है वो   पसीने से तर बतर अपनी थकान कभी न देखता है जो   फ़टे मेले कुचैले वस्त्र पहनकर भ…

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कितना मुश्किल है

कितना मुश्किल है               कितना मुश्किल है वक्त देखो संभल जाओ बहता ये रक्त देखो पल पल डर रहा हर इंसान देखो कोई न रोक पा रहा ये सब होकर देख र…

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वो मजदूर है

वो मजदूर है   रोज नए घर बनाता कभी न थकता है वो कभी इधर कभी उधर निकल पड़ता है वो नित नए आशियाने बनाता कभी एक घर  पर  न ठहर सका है वो सबके लिए एक…

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