Showing posts from August, 2021Show all

चल दिया मुसाफिर

चल दिया मुसाफिर       चल दिया मुसाफिर खाली मकान रह गया राहें पूछती रही जाने कहां चल दिया कल तक जो लगते अपने से थे वो अब बेगाने हो चले लग रहा था सब…

Read more

इस बार जरूर आना भईया

इस बार जरूर आना भईया             इस बार जरूर आ जाना भईया ये राखी मेरे साथ मनाना भईया करती हूं इंतज़ार साल भर इस उत्सव का  तुम्ही से तो है रंग मेरे इस त्…

Read more

वो तोड़ती पत्थर नए

वो तोड़ती पत्थर नए                   तोड़ती रहती हर रोज वो पत्थर नए सिर पर थामे बोझ हाथों में फावड़ा कुदाली लिए निकल पड़ती निज भोर होते ही न मौसम की सुध न स…

Read more