प्रभु श्री राम तथा रामनवमी के अवसर पर एक सुंदर कविता हिंदी में // फिर श्री राम आये है //




मर्यादा     का   यूं  पाठ  पढ़ाने
जन जन  को ही फिर समझाने
जग के   दुख  संतापों को हरने
आज  फिर   श्री  राम  आये है

लछिमन संग वो  प्रीत निभाने
पिता   की   दी   आज्ञा मानने 
तुलसी चंदन से तिलक लगाने
आज  फिर  श्री  राम  आये है

अबला  की  फिर  रक्षा करने
न्याय  धनुष  को  हस्त  धरने
दानवों का अब विनाश करने
आज  फिर  श्री  राम आये है

सूनी  पड़ी  थी  सदियों  से 
गलियां वो  अवध की सारी
अवध की  दीप्तियां लौटाने
आज फिर श्री राम आये है

अन्याय, दुराचार  से  लड़ने
दीन,दुखियों की पीड़ा हरने
स्वप्न   सारे   साकार  करने
आज फिर श्री राम आये है

तिमिर का फिर विनाश करने
हताशा   का  परिहास  करने
एक नव्य आभा संग लाये है
आज  फिर  श्री राम आये है

बैर, अज्ञानता का गृह भेदने
पाप,अन्याय का हिय छेदने 
हर्ष,  उल्लास, संग  लाये है
आज फिर  श्री राम आये है

✍🏻 " कविता चौहान"
        स्वरचित एवं मौलिक