मानवता ही सबसे बड़ा धर्म।। मानवता के महत्व को बतलाता  एक  सुंदर आलेख हिंदी में।।


हम लोग बड़ी-बड़ी इमारतें, होटल भवनों को अपने आसपास देखते हैं ।कुछ बड़े भवनों बड़ी इमारत में रहने वाले लोग मानवता इंसानियतसे बहुत परे रह जाते है।
 अच्छा व्यवहार, दया, धर्म प्रत्येक मनुष्य में होना अत्यंत आवश्यक है। इसके बिना मानव का अस्तित्व नहीं है, और मानव कल्याण एवं विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती ।

एक अच्छा इंसान होना बेहद जरूरी होता है। बात कुछ ही दिन पुरानी है ,मैंने बिल्कुल निकट से देखा एवं अनुभव किया कि बहुत बड़े-बड़े स्थानों पर ऊँची होटलों,बहुत बड़े भवनों एवं इमारत में रहने वाले लोग भी अत्यंत छोटे हृदय वाले एवं भावना रहित होते हैं ।
एक नया  तथा बड़ा कैफे का शुभारंभ  कुछ माह पहले ही हुआ था । सर्व सुविधा युक्त एवं साज सज्जा से युक्त था।

 वह उस दिन एक घटना घटी। घटना ने मुझे भीतर तक झकझोर कर रख दिया था ।

कैफे के भीतर सब लोग आ जा रहे थे ।तेज म्यूजिक बज रहा था ग्राहक अपने-अपने ऑर्डर तथा भोजन का आनंद ले रहे थे ।हम लोगों ने भी अपने परिवार के साथ वहां बैठकर बातचीत करते हुए एंजॉय किया ।

हमारे परिवार में भोजन किया और बैठे थे ।धीरे-धीरे करके सभी लोग जा रहे थे ।रात होने लगी थी रात में कैफे में कुछ लोग ही शेष बचे थे ,क्योंकि बारिश का समय था अचानक से आसमान में काले बादलों का जमावड़ा हो गया । 

तेज बिजली चमकने लग गई और आंधी तूफान के साथ-साथ बारिश इतनी तेज और धुआंधार थी कि बिजली धमाके के साथ कड़क रही थी। कुछ ही देर में लाइट चली गई कैफे में चारों तरफ अंधेरा छा गया। हम लोग बुरी तरह घबरा गए । कैफ़े शहर से काफी दूर हाईवे पर स्थित था। दूर से केवल गुज़रते वाहनों की हेडलाइट के अलावा कोई उजाला वहाँ से दिखाई नहीं दे रहा था। हम सिर्फ चार लोग ही बचे थे, कैफे में पानी का बहाव और तेज होने लगा ।छोटे-छोटे टीन शेड थे। 

कुछ देर बाद उसके नीचे भी पानी का बचाव नहीं हो सका ।हम काफी देर तक टीन शेड के नीचे ही खड़े रहे । पर जब वहां भी बारिश भिगोने लगी पानी टपकने लगा तो हम कैफ़े  काउंटर की तरफ भागे । वहां खड़े कर्मचारी जो की काउंटर संभाल रहे थे हमने उनसे कुछ देर अंदर खड़े होने के लिए पूछा? उन्होंने हमारी मदद करने से साफ इनकार कर दिया और शटर बंदकर अंदर चले गए। उन्होंने केवल चार लोगों की भी मदद नहीं की उसमें महिलाएं भी थी ।हम लोग तेज बारिश में भीगते हुए खड़े रहे । तीन चार घंटे तक बारिश चलती रही, फिर बारिश बंद हुई ।

उन लोगों में बिल्कुल मानवता नहीं थी उन्होंने ना तो एक ग्राहक होने के नाते मदद की ना इंसान के नाते मदद की । हम सब वहाँ से रात 11:00 तक घर आ सके और उनके अमानवीय व्यवहार से बहुत दुखी हुए । माता जी की तबीयत खराब हो गई थी यह एक ऐसा कटु अनुभव था ।जहाँ  मैंने देखा कि दुनिया में ऐसे लोग भी हैं ,जो मानवता को बिल्कुल भूला चुके हैं । हम लोग उस बुरी घटना को कई दिनों तक नहीं भूल पाए और उस रात को बिल्कुल नहीं सो सके । 

कुछ दिनों बाद काम के सिलसिले में पुनः उसी हाइवे पर जाना हुआ। मैंने जो देखा उसे मेरे आश्चर्य की सीमा ना रही वह कैफ़े बंद हो चुका था और सभी स्टॉल्स हटाए जा चुके थे । वहाँ पर गहरा सन्नाटा पसर रहा था ,जैसे वर्षों से वहाँ पर कोई आया ही ना हो। इस घटनाक्रम ने मुझे भीतर तक सोचने को मजबूर कर दिया था। 

वास्तव में मानव कितनी भी प्रगति क्यों न कर ले उसे मानवता का गुण नहीं छोड़ना चाहिए। मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है मानवता के अभाव में उसकी प्रगति स्वतः ही नष्ट हो जाती है।