खेल खेल में सीखेंगे !! बच्चों को खेल में सीखने हेतु एक प्रेरणास्पद आलेख हिंदी में
 
 


मनुष्य जब जन्म लेता है तब से उसके सीखने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है एवं यह प्रक्रिया अनवरत चलती रहती है। प्रारंभिक ज्ञान वह अपनी माता से  ग्रहण करता है ।बालक रूप में वह खेलते हुए जिंदगी की कई बड़ी एवं महत्वपूर्ण बातें सीख लेता है। चलना बोलना हंसना आदि वह खेल-खेल में सीख लेता है, तत पश्चात विद्यालय में जाकर भी वह अनेक विषयों का ज्ञान प्राप्त करता है।
"खेल-खेल में सीखेंगे" एक ऐसी विशेष तकनीक है, जो बच्चों के मानसिक विकास हेतु सहायक है। इससे बच्चों के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उसे पढ़ाई लिखाई करने में अरुचि भी पैदा नहीं होगी।
 खेल-खेल में सीखने  हेतु वर्तमान में कई साधन प्रचलित है --
चार्ट द्वारा, गणितीय खिलौने , मैदान में खेले जाने वाले खेल ,चित्रकला द्वारा
कंप्यूटर पर आधारित शैक्षणिक खेल
मानव आकृति वाले 3D खिलौने अथवा अल्फाबेटिक खिलौने
 
    विभिन्न प्रकार के सुंदर-सुंदर चार्ट द्वारा तथा उसमें बनी हुई सुंदर आकृतियां द्वारा बच्चे दिलचस्पी के साथ ही उस विषय को समझ लेते हैं ,जिससे उन्हें ज्ञान प्राप्त करने में आसानी होती है।

गणितीय खिलौने एवं पजल्स जो की हल करने के लिए बच्चों को कुछ खंडों का मिलान करना होता है। अन्य कई माध्यम से बच्चे अरुचिकर विषय को भी दिलचस्प के साथ सीखते हैं

मैदान में खेले जाने वाले खेलों में मैं भी बच्चे अच्छी तरह तैयार होकर अपने विकास की ओर अग्रसर होते हैं ।यह भी खेल-खेल में सीखने वाला एक अच्छा तरीका साबित होता है जो कि मनोरंजन करके साथ सृजनात्मक भी है।
  
चित्रकला के द्वारा विभिन्न प्रकार की आकृतियां अथवा अनजान वस्तुएं एवं एवं तथ्य जिनकी परख कर बच्चे ज्ञान ग्रहण करते हैं
 
कंप्यूटर में भी इसके अलावा ऐसे कई ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन गेम्स है। जो बच्चों के बौद्धिक विकास को बढ़ाने में सहायक है। मैथमेटिकल या अक्षर ज्ञान आदि हेतु बच्चों के सीखने में सहायक होते

3D पर आधारित खिलौने
इन खिलौनों के द्वारा भी बच्चे सीखने के लिए प्रेरित होते हैं एवं अधिक सीखते हैं।

 खेल-खेल में सीखने के लाभ-- खेल-खेल में सीखने के लाभ एवं एवं गुना की मात्रा अधिक है इसके विपरीत दबाव एवं संकुचित माहौल और एक ही स्थान पर बैठे रहने से कुछ भी बच्चों के लिए सीख पाना संभव नहीं है उपयोगिता के सृजन हेतु आवश्यक है कि जो कुछ सीखा जाए उसका समुचित उपयोग कर सके
खेल-खेल में सीख गया अथवा तथ्य शिक्षा आनंद प्रद होने के साथ-साथ उपयोगी मौलिक भी होती है। खेल-खेल में बालक एवं बालिकाएं अधिक सीखते हैं एवं जो सीखा गया है । वह अधिक समय तक याद रख पाते हैं यह कोरी शिक्षक प्रणाली से सर्वथा भिन्न है
लर्न बाय फन भी वर्तमान में एक प्रचलित प्रणाली है जो की अत्यधिक लोकप्रिय हो रही है। क्योंकि विद्वानों का ऐसा मानना है कि बच्चे खेल-खेल में एवं बिना दबाव के अधिक सीखते हैं एवं उसका उपयोग भी कर पाते हैं।
 
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