Showing posts from October, 2021Show all

बन के दुल्हन सी

बन के दुल्हन सी               बन के दुल्हन सी आज पिया का इंतज़ार कर रही हूं देखकर आईना सोलह श्रृंगार कर रही हूं । लगता है आज है कुछ खास सखी री कानों मे…

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चाँद की चांदनी चमचमाई

चाँद की चांदनी चमचमाई               चाँद की चांदनी चमचमाई मौसम ने बदली करवट फिज़ाओं ने नई दिशा दिखलाई हवाओं में घुली ठंडक देने शीतलता की दस्तक शर…

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प्रफुल्लित हो कि स्वतंत्र हो

प्रफुल्लित हो कि स्वतंत्र हो           प्रफुल्लित हो कि स्वतंत्र हो पराधीनता है मृत्यु तुल्य स्वछंद हो। सांसे है हर बन्धन से मुक्त न रोआँ है …

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खुद को फिर से बनाना

खुद को फिर से बनाना               खुद को फिर से बनाना बिखर गया जो कतरा कतरा उसको चुन लाना तोड़ दिया जो टुकड़े करके उस दिल को फिर जोड़ जाना बचपन मे ज…

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विलंब न कर आरंभ कर

विलंब न कर आरंभ कर                               विलंब न कर आरम्भ कर  रुक न कहीं थककर प्राणों को स्फूर्ति से भरकर आलस निराशा छोड़ कर थम ना विराम कर  …

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नए इरादे नई बात होगी

नए इरादे नई बात होगी                           नए इरादे नई बात होगी ये जिंदगी यूँ ही आबाद होगी हर पल उम्मीद हजार होंगी जगमगायेगा हर रास्ता इक घड़ी खु…

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