वो मजदूर है रोज नए घर बनाता कभी न थकता है वो कभी इधर कभी उधर निकल पड़ता है वो नित नए आशियाने बनाता कभी एक घर पर न ठहर सका है वो सबके लिए एक…
Read moreवो मजदूर है रोज नए घर बनाता कभी न थकता है वो कभी इधर कभी उधर निकल पड़ता है वो नित नए आशियाने बनाता कभी एक घर पर न ठहर सका है वो सबके लिए एक…
Read moreकल फिर एक नया सूरज आएगा कल फिर एक नया सूरज आएगा नई उजियारी दिखलायेगा फिर से फूल महकेंगे राहों में नई किरण जगमगाएगी हर कल…
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