तान के सीना खड़ा है वो तान के सीना कर्तव्य पथ पर अड़ा है वो करने रक्षा मातृभूमि की निडर होके खड़ा है वो मौसम ऋतु कोई न डिगा पाते उसे दुख ,बीम…
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