नवरात्र में करते अराधना
होती माँ की गुप्त साधना
दस महाविद्या पूजी जावे
तंत्र-मंत्र पूजन करावे
काली तारा त्रिपुर सुंदरी
भुवनेश्वरी भैरवी छिन्नमस्ता
धूमावती बगलामुखी सारी
मातंगी कमला छवि निराली
प्रतिवर्ष दो बार ही आती
माघ,आषाढ़ में मनाई जाती
भगवती की दस महाविद्यायें
कर लेती दुख दरिद्र बनायें
सदन में सुख शाँति बनायें
दस महाविद्या पूजन करायें
सेवा, साधना से प्रसन्न करें
भगवती की सेवन निरंतर करें
हर महाविद्या की भिन्न ऊर्जा
माँ जयकारा सर्वत्र गूँजा
ब्रह्मचर्य का यूँ पालन करें
हृदय में दया,भक्तिभाव भरे
माँ देती करुणा आशीष सदा
रखना तुम ही विश्वास ,श्रद्धा
आओ करें भगवती साधना
पावन बनें हृदय की भावना।
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