सावन में छाई हरियाली
धरा की है रंगत निराली
सावन के झूले दिखलाये रे
याद पिया की संग लाये रे
छम छम कर बूँदे बरसाये
काले बदरा यूं घिर आये
बिजूरिया से मन घबराये रे
याद पिया की संग लाये रे
धरती ने ओढ़ी चुनरिया
घनघन कर बरसे बदरिया
सावन ये बीता जाये रे
याद पिया की संग लाये रे
सावन की बूँदे है प्यारी
फूलों से सज गई फुलवारी
खुशबू ये मन महकाये रे
याद पिया की संग लाये रे
सखियों संग ही आओ तुम भी
हम सब मिल यूँ झूला झूलें
सावन के झूले पड़ गये हाय रे
याद पिया की संग लाये रे
.jpg)
0 Comments
Post a Comment