गौतम बुद्ध भगवान पर / बुद्ध पूर्णिमा पर एक कविता हिंदी में// //महात्मा बुद्ध//

था इक बालक ने जन्म लिया
जीवन      था    योग    ध्यान
गीत   ,शास्त्र का   ज्ञान हुआ
लुंबिनी    था      जन्म स्थान

भीतर बसता  आध्यात्म ज्ञान था
सिद्धार्थ       उनका          नाम
अंतस्थल        इक विरक्ति बसी 
हृदय     उपजी      न   आसक्ति 

त्याग     राज    का ज सारा
धर    लिया     तब  सन्यास
गृहस्थ जीवन त्याग कर भी
न    था      कोई     संत्रास

सत्य,       सद्भावना       मार्ग
सब को   दिखला  बने  महान
प्रसन्न चित्त चल दिए सदमार्ग 
प्राप्त   हुआ  तब  गहन ज्ञान

पूर्णिमा     दिवस   खास  था
बुद्ध   का    हुआ   अवतरण
सिद्धार्थ को इक आभास था
किया     ज्ञान   मार्ग   वरण

सिद्धार्थ     बुद्ध   कहाये 
दिया   जन  को  उपदेश
अनेक प्रिय शिष्य बनाये 
फैलाया   सद्भाव  संदेश

था स्थान वह बोध गया 
नाम  था वृक्ष का बोधि 
था    सारा  ज्ञान मिला
जग  ने बुद्ध को जाना।