चिड़िया गौरैया पर एक प्यारी सी कविता हिंदी में // चिड़िया रानी //






फुदकती   आई  चिड़िया रानी
चुगती    दाना   पीती   पानी
चूं चूं   करके  सबको जगाती
इठला   सबका मन बहलाती

सबको  कितनी  प्यारी लगती
बोली   उसकी  न्यारी लगती
पहले   सब दूर तुम फुदकती
अब  कहीं न गौरैया दिखती

कहां      गई     गौरैया   रानी
ना  शहर   न गांवों की कहानी 
चहुंओर   बिजली  तार बिछते 
कहीं  गौरैया के नीड़ न दिखते

भीषण    गर्मी  से  तपती  जाये 
प्यासी     तड़पके    मर   जाये
एक   सकोरा    पानी भर आयें 
उसका अमोल  जीवन  बचायें 

गौरैया    दिवस   पर   प्रण  करें
देखभाल    कर   सुरक्षित   रखें
प्रकृति  रहे  सदा  खिलखिलाती 
रहे      गौरैया       चहचहाती।।