***सच का सामना***
सत्य पथ पर यूँ बढ़ते चलो
झूठ, मिथ्या को दूर रखो
भरे हॄदय पवित्र भावना
हम तो करें सच का सामना
असत्य का अस्तित्व ही छोटा
हर जन इससे निष्ठा खोता
सत्य तो उज्जवल प्रकाश सा
सुंदर,धवल,स्वच्छ आकाश सा
झूठ, कपट कतई न छिपता
सत्य के सम्मुख बौना दिखता
सत्य का है दामन तुम थामना
बेफिक्र करें सच का सामना
सत्य तो स्वयं में पूर्ण है
झूठ सदा ही अपूर्ण सा
नवीन छवि जग में बनायें
सत्य सदैव ह्रदय में सजायें
सत्य इक नव पहचान बनाये
आओ सुनहरा कल बनाये
ईमानदारी की राह बनाएं
सत्य, सदमार्ग को अपनाएँ।
✍️"कविता चौहान "
इंदौर (म.प्र)
स्वरचित एवं मौलिक
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