Yogi Adityanath Poem|| योगी आदित्यनाथ पर एवं रोचक कविता हिन्दी मे ||"योगी आदित्यनाथ जी"


भगवा  भेष   संन्यासी  आया 
ना लालसा उसे गृह सदन की
 ले    वैरागी  भाव   संग   वो
 राम  नाम  को  ले  अपनाया

सनातन धर्म  की  विजय हुई 
भारत  भूमि  धन्य  धन्य  हुई 
फिर एक बार रामराज आया
 राम  लला को संग ले आया

भक्तिमय  पावन  सा  पाठ धरे 
त्याग   भावना  संग  राज  करें
लिप्सा अभिलाषा से विरक्त से
रघुवीर  नाम  ले  आसक्त  हुये

स्वर्णिम युग अब दिखलायेगा
भगवा  ध्वज  तब लहरायेगा
रामधुन  की  महत्ता  निराली
सुन  रहे जन-जन बारी-बारी

राम  नाम   सर्वत्र  था छाया
हिय  में  तब  वैराग्य समाया
था   गृह  परिवार को त्यागा
तरुण वह तपस्वी बन आया।

नाम   अस्तित्व   से   दूर   हुये
'अजय सिंह' नाम को त्याग वे 
योगी  आदित्यनाथ नामित हो
 सम्पूर्ण   रुप  परिवर्तित  हुये

 सहज   पधारे   भगवाधारी
सरल स्वभाव संग परोपकारी
सदा मुख पर  राम नाम साजे
मुख्यमंत्री  बन तब ही विराजे

रघुवीर   में   स्नेह  अपार  है
राम नाम का किया प्रचार है
योगी  जी एक संत महान है
सदा बढाई  देश की शान है

स्त्री सशक्तिकरण आधार दिया
स्त्री   अस्तित्व   मजबूत  किया
असहाय   को  यूँ  दिया  सहारा
जन जन  ने  था दिल से पुकारा

विज्ञान स्नातक  में की शिक्षा
 महंत  बनकर  ली  थी दीक्षा
 संत  अवैद्यनाथ  से वर पाये
"योगी आदित्यनाथ"कहलाये।

संत   हुये  तब  प्रसन्न  सारे
योगी  जी  सबके  नयनतारे
सबने निष्ठा विश्वास जताया
साथ समर्थन पूर्ण दिखलाया

 राम   नाम   सदा  अमर  हुआ
 नवयुग का अब ये आरंभ हुआ
 घर    घर   भगवा   लहरायेगा
 योगी  जी  याद किया जायेगा।।