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आप भी निर्णय लेने से डरते हैं? सही निर्णय किस प्रकार लें !! एक उपयोगी  हिंदी आर्टिकल (How to make decision)
 

 

 हर इंसान की जिंदगी में ऐसा कोई ना कोई क्षण  जरूर आता है, जब उसे फैसला लेना पड़ता है। फैसला चाहे छोटा हो अथवा बड़ा निर्णय लेना है कठिन कार्य ही होता है। ऐसे में कुछ घबराहट होना लाजमी है आपका लिया हुआ फैसला सही साबित होता है ,अथवा गलत यह कई बातों परिस्थितियों पर निर्भर करता है ।बाद में होने वाले परिणाम आपकी समझ निर्णय की क्षमता हालातो से जुड़कर आपके समक्ष आते हैं। लिए कुछ ऐसे बिंदु है जिनको पढ़कर आप समझ सकते हैं ,कि निर्णय किस प्रकार ले। यह आपको सहायता कर सकते हैं निर्णय कैसे एक कंफर्ट जोन में रहकर भी लिए जा सकते हैं। घबराहट की स्थिति भी ना रहे ।


1  अपनी वर्तमान स्थिति को देखे कोई भी निर्णय ऐसा नहीं होना चाहिए ,जो आपका वर्तमान से जुड़ा हुआ ना हो कोई भी क्षण अथवा आने वाला भविष्य आपके वर्तमान से ही होकर जाएगा। जिस प्रकार किसी भी वृक्ष की शाखाएंउसके तने से होकर ही निकलती है। पहले तने से  शाखों के रूप में छोटे-छोटे कोपल  प्रस्फुटित  होते हैं। फिर कुछ दिन बीतने के बाद ही उनमें हरे रंग के पत्ते आना शुरू होते हैं, अर्थात कभी भी कोई निर्णय लेते समय अपने वर्तमान को अनदेखा न करें ।

2  पहले समस्या को अच्छी तरह समझे उसके उत्पन्न होने के कारण उसे भविष्य में होने वाली हानियां परिणाम पर विचार करें ।कभी-कभी यह संदर्भ हमारे आसपास ही मौजूद होता है ,लेकिन हम इसे समझ नहीं पाते यदि कोई समस्या आई है, तो हमसे कहां गलती हुई थी ।पूर्व में जब हमने निर्णय लिया था तो किन बिंदुओं की अनदेखी की थी।  जहां हम चूक गए उन पूर्व बिंदुओं पर उचित रूप से विचार करना चाहिए ताकि आप सटीक निर्णय ले सकें ।

3 कोई भी निर्णय ले रहे हैं ।तब अन्य लोगों को उदाहरण के रूप में देखें ,जो यह कार्य कर चुके हैं अगर आप जीवन की इस स्थिति पर है, तो यह तुलना आपको बहुत लाभ दे सकती है ।घबराएं नहीं बल्कि एक आत्मविश्वास पूर्ण ढंग से निर्णय ले ।

4 वर्तमान की स्थिति से निकलने के लिए घबराहट तथा भय  में कोई चुनाव न करें । निर्णय लेने की स्थिति में शांत मस्तिष्क एवं ठंडे दिमाग का होना अत्यंत आवश्यक है। कोई आवेशपूर्ण ढंग से लिया गया निर्णय कभी भी आपको सही स्थिति में नहीं लेकर जाएगा।

5  पांचवा एवं महत्वपूर्ण चरण यह है कि आपका आधारभूत एवं मौलिक तत्व को परिवर्तित कर लिया गया निर्णय सही साबित नहीं हो सकता। कहने  का तात्पर्य यह है कि जब आप किसी भी नई परिस्थिति अथवा वातावरण में जाते हैं, तो आपको स्वयं को बदलना ही पड़ता है बदलाव सही है जब आपको अकस्मात अथवा आवश्यक आवश्यकताओं के लिए करना पड़े । किसी भी परिवर्तन में आपका आधारभूत पूरी तरह बदलाव न करना पड़े । यानी आप कुछ प्रतिशत बदल सकते हैं ।100% नहीं यानी ऐसी स्थिति जहां पर आपको 100% चेंज होना है सुखद नहीं हो सकती।

6  आपका लिया हुआ निर्णय आपको खुशियां प्रसन्नता प्रदान करेगा ।आप कुछ प्रसन्नचित एवं खुशहाल नजर आने लगेंगे । यह प्रसन्नता इसलिए होती है कि हमारा मन आने वाली सुखद परिस्थिति के स्वप्न  खुद ही बुनने  लग जाता है ,और खुद को स्वतः  उसमें ढलने भी लग जाता है।
 इसके विपरीत आप प्रसन्नचित एवं हर्षित महसूस नहीं करते ।जब आप संदेह एवं विश्वास की स्थिति में कोई निर्णय लेते हैं। भले या आपको पूर्णतया ज्ञात न हो कि आपके द्वारा लिया गया है निर्णय आपको किस स्थिति में लेकर जाएगा। अच्छी अथवा बुरी फिर भी आपका मन बेचैन सा होने लगेगा आप कुछ काम अच्छा फील करते हैं। यह स्थिति कई बार होती है जिसका कभी-कभी स्वयं हमें भी पता नहीं चलता कहने  का तात्पर्य सही निर्णय आपको तरो  ताजा एवं खुशी प्रदान करेगा ।अतः शांत मन से तथा विश्वास के साथ ही कोई भी निर्णय लीजिए।

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