Narendra Modi ji Poetry || of मोदी जी पर एक प्यारी सी कविता हिंदी में ***** हमारे मोदी*****
भारत माँ का सपूत प्यारा
कर्मपथ पर बढ़ता जाये
देख अचंभित नभ भी उसको
कर्म निरंतर करता ही जाये।
देशप्रेम की चाह थी इतनी
गृह,आराम सब छोड़ आये
चल पड़े कर्मभूमि पे यूँ
हालात से तनिक न घबराये।
संघर्षों की थी यही कहानी
बालपन में थी कठिनाई
बंटाने पिता का हाथ उन्होंने
कुछ काज करने की ठानी।
चाय बेचकर करते गुजारा
कोई न बना उनका सहारा
अपनी मेहनत के बल पे
सारी पद प्रतिष्ठा पाई।
ले ऐतिहासिक फैसले सारे
जीवन पीड़ितों का बदला
तीन तलाक या सीएए हो
बदल डाले तब कानून सारे।
पड़ गई काले धन पे बंदी
कराई जब मोदी ने नोटबंदी
छिपा कालाधन बाहर आया
जब बैंक में जमावड़ा लगाया।
लग गई लंबी लंबी कतारें
घबराकर सब मोदी पुकारें
एक देश एक कर लगाया
तब मोदी ने जीएसटी बनाया।
गगन तक चंद्रयान पहुँचा
देश विदेश सब मे था चर्चा
अब आई आदित्य की बारी
मोदी की अनोखी तैयारी।
भक्त,उपासक और तपस्वी
आस्था,श्रद्धा अत्यंत गहरी
निराहार रह निष्ठा दिखलाई
रामलला प्राण प्रतिष्ठा कराई।
जब भी युगपुरुष कहायेगा
प्रथम मोदी याद किया जायेगा
न कोई विकल्प नज़र आयेगा
देश मोदी को फिर दोहरायेगा।
✍️"कविता चौहान
स्वरचित एवं मौलिक
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