जनम जनम
जनम जनम जो प्रीत निभाये इक ऐसा बंधन बन जाओ
मैं बन जाऊं दिल तुम्हारा तुम इसकी धड़कन बन जाओ
डर जाता है दिल तुमको खोने के डर से थाम लो हाथ
मेरा ,मैं करूं वादा तो तुम इक वचन बन जाओ
सजती संवरती रहूंगी फिर तुम मेरा दर्पण बन जाओ
रंग तुमसे है रंगीन मेरे जीवन का रंग दो मुझे तुम मेरा रंग बन जाओ
ज़िंदा हूँ तुमसे ही ,मैं जिंदगी और तुम मेरी सांस बन जाओ
सोलह सिंगार तुम पर कुर्बान किया कि सजाकर मांग मेरी
तुम मेरा सिंदूर बन जाओ ,दमकता चमकता रहे यह रूप
सदा तुम्हारे प्यार से ,मैं चांदनी तुम चांद बन जाओ
अमर रहे यह प्यार हमारा मैं इश्क तुम तुम मोहब्बत बन जाओ ||
0 Comments
Post a Comment