सुनी है धरती
 
 
 
 
 
 
 
 
 
सुनी है आज धरती सब गलियारे सुनसान हो गए
 
जलती लाशें ,रोते इंसान सब दामन अश्को से भीग गए
 
फैल गया हवाओं में ये जहर कैसा
 
हर दरवाजे हर चौखट वीरान हो गए
 
दस्तक दे रही मौत हरपल , दिख रहे जनाजे
 
 हर तरफ क्या हुआ ,सारे पथ श्मशान हो गए