बदल गया सब आज अचानक
खिली फूल बन नई जिंदगी ,
लगने लगी कहानी जैसे
सब कुछ नया-नया है !
नहीं भरोसा इन आंखों पर
दौड़ पड़ा है यह पल जैसे
सब कुछ नया-नया है !
कल तक सन्नाटा पसरा था वहीं जहां ,
चमक रहा है नूतन सूरज आज वहां ,
दिखते हैं चहुं ओर नजारे कितने प्यारे ,
अरमानों की बसती में अब
सब कुछ नया-नया है !
न जाने इस दिल के भीतर
कब से कौंध रहा अँधियारा ,
छोड़ चलो उस अंधियारे को
बुला रहा उजियारा देखो ,
सब कुछ नया-नया है !
विश्वासों को भर लो अंदर
बुला रही बढ़ती उमंग
उन उल्लासों को ,
और मचल कर कहती है वह
सब कुछ नया- नया है !
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