दिल लगाऊं कहां                                          

 

 

ये दिल तो तेरा हो गया ,अब दिल लगाऊं कहां 

बस तेरा ख्याल ही इस दिल में बसा ,अब इसे मैं 

समझाऊं कहां | 

हर वक्त रहता हे तेरा साया साथ मेरे हमदम 

अब इसे भुलाऊं बिसराऊं कहां 

आने तो तो आते है बहोत ,जाने तो जाते है बहोत 

ये मन तो बस तेरा ही हो गया ,अब इसे बहलाऊं 

कहां 

मेरे इस सुने संसार में तू ही तो है बस , मैं जानू या रब 

जानता ,दिल चीर के अब दिखलाऊं  कहां |