आज  दिल कहता है 

 


 

 

दिल कहता है तुझे कुछ कह जाऊं आजा कि मैं तुझमे समा जाऊं 

आज शाम तन्हा है मेरी ,तेरा हो जाऊं  कि तेरा बन जाऊं | 


ऐसा नहीं की तुझ बिन जीने की कोशिश नहीं की मैंने , लग रहा की आज तेरे  दिल में जगह बनाऊं | 


पल पल तड़पता है दिल मेरा ,सोचता हूँ आज सब कह जाऊं,कुछ बाकी

 न रहे ,इस दिल में मेरे सारे  लब्ज़ बयां कर जाऊं | 

 

देखता हूँ तेरे सपने हरदम ,आज पल पल ठहर जाऊं 

देख लूं तुझमे सारी दुनियां अपनी तेरे दिल के एक कोने में अपना घर सजाऊं |