!! Motivational Poem !! मेरे हिस्से का आसमान !! Heart Touching Motivational Poem in Hindi !!
कब से ढूंढ रही,खोज रही देख रही,जाने कहाँ है मेरे हिस्से का आसमान,
देख रही हु एक सुनहरा सपना ,संग तारो है चाहती हु चलना।
एक छोटी सी आशा देखी मैने उन राहों में भी जहां कोई उमीद न दिखती थी,
एक छोटी सी आशा देखी मैने उन राहों में भी जहां कोई उमीद न दिखती थी,
तारे भी तोड़कर ले गए सब दूरतक रोशनी न दिखती थी।
चल रही थी चाँदनी के साथ इतराकर,बलखाकर,स्वाभिमान से,
चल रही थी चाँदनी के साथ इतराकर,बलखाकर,स्वाभिमान से,
निष्ठा से,न देख पाया कोई भी इस स्त्री के स्वाभिमान को,
न सह पाया कोई मेरे इस विश्वास को।
हाय!कितना मुश्किल है इस अबला का अकेले चलना ये अब जान पाई।
खींच लिया मेरे पैरों के नीचे से उस धरती को जिसपर में चल रही थी,
हाय!कितना मुश्किल है इस अबला का अकेले चलना ये अब जान पाई।
खींच लिया मेरे पैरों के नीचे से उस धरती को जिसपर में चल रही थी,
लड़खड़ाकर गिर गई अचानक न जान सकी किसने गिराया
ठहाके लगाकर हंस पड़े सब मेरे गिरने पर, कांपते हुए
ठहाके लगाकर हंस पड़े सब मेरे गिरने पर, कांपते हुए
हाथो को जमीन पर टिकाकर उठ खड़ी हुई।
चल रही हु ढूंढ रही हु फिर से मेरे हिस्से का आसमान
चल रही हु ढूंढ रही हु फिर से मेरे हिस्से का आसमान
,पा ही लुंगी एक दिन मेरे हिस्से का आसमान,मेरा आसमान।।
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