***दिल बेकरार है***
जिस्म मदहोश दिल बेकरार है
आज भी मुझे सिर्फ तुझी से प्यार है
भूला न पाया दिल इक पल के लिये भी
क्या इसी को कहते प्यार है
देखती हूँ हर नजर तेरे ही सपने
उसकी बाहों में समाया संसार है
मदभरी आँखों में प्यार मचलता
कभी दिल संभाले न संभलता
नयन कजरारे बिंदिया के इशारे
उसी से रूप उसी से सिंगार है
ढूँढ रहा दिल हरपल उसी को
"कोमल"दिल को उसी का इंतजार है।
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