****अनमोल रतन****
मानव था एक महान
जो था भारत की शान
बनता सदा सहायक
करता धन का दान
विनम्रता की मूरत
भोलीभाली सी सूरत
प्रबल उच्च विचार
आदर्श बने आधार
व्यक्तित्व था सरल
शीतल जल सा तरल
तनिक न था अभिमान
पाया कर्मों से सम्मान
कुत्तों से था यूँ लगाव
करते न भेदभाव
लाचारो का रखा ध्यान
ऐसे थे टाटा महान
एकाग्र लक्ष्य बनाया
निष्ठा से धन कमाया
न हुये कभी विफल
मानव थे सफल
किसी से न था द्रोह
सादगी से करते मोह
करते सदा उपकार
करूणा परोपकार
छोड़ गये अमिट छाप
अमर रहेगा नाम
प्रिय मधुर संगीत
धरा पर था देवदूत
महकता गुलशन
सितारों सजा गगन
अनमोल इक "रतन "
करें सादर नमन ।।
✍️"कविता चौहान "
स्वरचित एवं मौलिक
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