बारिश की शायरियाँ !!Barish Shayri in Hindi
वैसे तो प्यार करने का कोई मौसम नहीं होता ,लेकिन बरसात का मौसम हर दिल को अज़ीज़ होता है | सभी को बहुत भाता है| इस खुशनुमा मौसम में हर किसी का मन अपने साथी के साथ रोमांचक पलों को महसूस करने को लालयित रहता है |
अगर किसी का प्यार उससे दूर भी है तब भी वो इस मौसम में अपने दिलबर को याद करता ही है | बारिश की रिमझिम फ़ुहारें जगा देती है उस अनजाने अनछुए एहसास को जो मन के भीतर पलता है, फिर चाहे वो पहला प्यार हो या उसका एहसास
आइये आज आपके लिए प्रस्तुत है बारिश की कुछ रोमांचक और प्रेम भरी शायरियाँ
बारिश शायरी स्टेटस !! Barish Shayri Status
ये काली घटायें शायद तुम्हारे शहर भी आई होगी
बूँदें रिमझिम सी तुम्हारे तन को भिगाई होगी
आ गई मिट्टी से खुशबू सौंधी सी
देकर वास्ता प्यार का कुछ तो याद दिलाई होगी
ये बरसात भी कितनी अजीब है पास रहकर भी
हम कितने दूर है संग हो दिलबर ऐसा कहां सबका नसीब है
बारिश का मौसम आया लेकर इक नई कहानी
बरसती बूंदे आसमान से फिर रुला गई यादें वो अनजानी
मेरा प्यार बारिश की बूंदो की तरह है
जब बरसेगा तो तुम्हे पूरी तरह भिगो देगा
वो घटाए फिर बरस गई ,दूर हुए इस कदर की
नज़रे उनके दीदार को तरस गई
आता है याद तेरा प्यार आज भी
बरसात में किया वो इकरार आज भी
चले आइये लम्हा लम्हा कर रहा हूँ इंतज़ार आज भी
भीनी सी मिट्टी से एक सुगंध आई है
बुँदे हे बारिश की संग मीठी पुरवाई है
काली घटा जब जोर से बरसती है
तुमसे मिलने को ये अँखियाँ तरसती है
बचपन का वो ज़माना अलबेला
वो बारिश का पानी वो कश्ती का मेला
ये मौसम कितना प्यारा है करती ये घटाएं कुछ इशारा है
समझ सको तो समझो किसी ने तुम्हे दिल से पुकारा है
पहली बारिश उसकी याद दिलाती है
मन के आंगन में वो दौड़ी चली आती है
बारिश की रिमझिम सुहानी लगती है
मासूम सी वो दिलरुबा दीवानी लगती है
बरसी जो काली घटा झुमके आसमां से
आज ये उस रब की मेहरबानी लगती है
बारिश का ये मौसम सुहाना
रिमझिम सावन की बूँदें
और दिल ये दीवाना
जब दूर हो तुम तो ये बरसती बूंदे तुम्हारी याद दिलाती है
लेकर नाम तुम्हारा अधूरे नग्में सुनाती है
इन बादलों को भी किसी की याद सताती होगी
याद में उनकी भी आँखें नीर बहाती होगी
बात वो याद आती है,मुलाकात वो याद आती है
मिले थे जब हम तुम वो पहली बरसात याद आती है
सावन की बरसती बूंदों ने लिया नाम आपका
सुहाने मौसम ने बदली करवट आ गया पयाम आपका
तेरी यादों ने दी दिल के दरवाज़े पर दस्तक आज
बरसों से तो मसरूफ़ था घड़ी भर ही सही फुरसत हुई आज
खिड़की से झांककर देखा बरसात को
आज वो नज़र आये चाँद बनकर इस काली रात को
बूंदों की तरह तुम्हारा प्यार भी बरसता है
याद में तेरी ना जाने ये दिल कितना तरसता है
करके याद उस बारिश को दिल भीतर तक भीग जाता है
बीत गई सदियां जाने कितनी फिर भी अक्स उसका यूं ही नज़र आता है
बरसती बूंदों ने धरती का श्रृंगार किया
आ गई मिट्टी से खुशबू सौंधी सी
ओढ़कर चादर हरी धरा ने नया रूप लिया
बारिश ये सुहानी हमारे प्यार की निशानी है
मिलेंगे जब भी हम तुम घटा ये यूँ ही बरस जानी है
बरसेगी जब काली घटायें तब याद तुम आओगे
नहीं भुला सकती उस पल को आँख
बंद करूं तब तुम्ही नज़र आओगे
दिल भूल नहीं सकता बरसात का महीना
मिले जब हम मौसम था वो सुहाना
कड़कती बिजली और रात में
वो जुगनूओं का चमचमाना
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