मेरी माँ (My Mother)

 

 


 

 

सारे जहाँ की शक्ति उसमे समाई है

 

 वो देखो माँ फिर से दिखलाई है

 

कभी न थकती है वो देने मुझे खुशी फिर नज़र आई है

 

मैं तो चल रहा हूँ घुटनों पर वो भी मेरे पीछे दौड़ी चली आई 

 

गिर ना जाऊं कहीं मैं ये सोचकर फिर उसने उंगली मेरी सम्भलाई है

 

खुद सहकर दर्द मेरे लिए भुला देती है अपनी तकलीफ को भी

 

अपना दर्द वो किसी से कभी न कह पाई है

 

हो ले लाख खफा चाहे वो मुझसे

 

फिर भी आख़िर उसके मन में मेरे लिए फिक्र उमड़

 

आई है

 

देखा नही मैंने खुदा को अब तक

 

आज उसके रूप में मुझे रब की झलक नज़र

 

आई है।