पाकर प्यार तेरा अब तेरी हो जाऊंगी खाकर कसम कहती हूं अब तुझ में ना रह पाऊंगी
होगा चाहे लाख दुश्मन जमाना फिर भी यह जिंदगी तुझ संग बिताऊंगी
ना रह पाऊंगी तुझसे जुदा हो के अब सारी खुशियां में तुझ पर लुटाऊंगी
इक दिल है इक जान है जिसमें तू ही बसा है दिलबर मेरे अब यह इश्क ना तुझसे छिपाऊंगी
हर रास्ते हर मोड़ पर सिर्फ तू ही संग चले मेरे पुकारेगा तू जो तो दौड़ी चली आऊंगी
मान लिया मैंने तुझको अपना करके सोलह सिंगार तेरे नाम का मांग अपनी मैं तेरे नाम से सजाऊंगी
न कर देर पिया अब चला भी आ,सिवा तेरे मैं किसी ओर की न बन पाऊंगी।।
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