कैसे कहूं

 

 

 

 

 

कैसे कहूं कि इस दिल में तेरे लिए प्यार कितना है मेरा यह दिल 

बेकरार कितना है

 लगती है मौसम की पुरवाई सुहानी कितनी सुंदर 

बहती इन हवाओं में सुकून कितना है 

 हर पल मांगा है तुझे इन दुआओं में तू शामिल है मेरी हर 

वफाओं में तेरे दिए लिए दिल बेताब कितना है 

 लौट आ मेरी इन बाहों में तकता  राह  तेरी हर दिन

 हर पल मुझे तेरा इंतजार कितना है

  दिखे चेहरा तेरा हर तरफ हर सू  तू मुझे अब तेरा एहसास है

 ना जी सकूं तेरे बिन कहीं कि मेरे इस दिल में तेरा खयाल कितना है

आज भी वही तस्वीर देखता हूं तेरे चेहरे में वही कशिश देखता हूं
 
तेरे तेरे मुखड़े में वही चांदनी चमकती है तेरे बदन में मेरी 
 
हर नजर में तेरे लिए प्यार कितना है
 
 गर हो मुमकिन तो ठहर जा यही इस दिल में कि देखूं राह तेरी सदियों से 
 
आ भर  दे इस दिल को मोहब्बत से कि  तेरे लिए इस दिल में आभार कितना है ||