नशा 

 

 


 

तेरे प्यार का नशा अब महसूस होने लगा 

यह दिल अब नशे में चकनाचूर होने लगा

 

 रहता था पहले में वक्त का बहुत पाबंद 

अब हर पल बस यूं ही काफूर होने लगा

 

 खोया खोया रहता हूं जाने कहां मैं भी

 नहीं जानता मैं किधर रहने लगा 

 

ना जानू मुझे क्या हुआ अब बेकरार रहने लगा

 बनता था काम का मारा अब बेकार है लगा 

 

कहां गई वह सारी होशियारी जाने कहां गुम है वो मेरी

 खुद्दारी मदमस्त बेखौफ होकर मैं सोने लगा 

तेरे प्यार का नशा महसूस होने लगा ||