Lovely Hindi Poem For Barish
|| बारिश पर एक सुंदर कविता हिन्दी में ||बरखा||
टिप टिप करके बरसे पानी
मेघ ने गीत मल्हार गाया
झूम के बरसे काले बदरा
पथ पर हर ओर नीर बिखरा
कीट, पतंगे,झींगुर गाते
समीर संग पात सरसराते
कड़क के श्वेत चपला चमकी
नभ की विशाल छाती दमकी
बिखरे तृण धरा पर उग आए
चहुँ ओर हरियाली दिखलाए
कुसुम,सुवास का इक झरोखा
धरा का ये स्वरूप अनोखा
रिमझिम रिमझिम बरखा आई
वसुधा पर हरियाली छाई
बगिया सुंदर पुष्पों से महकी
सरिता फिर कलकल सी बहती
नए अंकुर,कोपल,उग आए
पीले पल्लव फिर हरियाए
खग,मृग सब ही खिलखिलाए
मयूर ने तब पंख फैलाये
कोयल मधुर गीत सुनाई
आम से लद गई अमराई
उष्णता मनुज से दूर हुई
फ़िज़ा मे फिर शीत घुल गई
बूँदों संग तरु भी झूमते
जुगनू निशा में ही घूमते
नीर ने सब पोखर भर दिए
बच्चे कागज नाव ले चल दिये
धान्य, अनाज फसलें उग आई
धरा ने हरीतिम चुनर लहराई
सब मिलकर हम झूमे गाए
बरखा ऋतु का आनंद उठाएं
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