मैया मेरी लाज रख ले
मैया मेरी लाज रख ले
आया तेरे दर पर झोली मेरी भर दे
तू दुखों का निवारे दुष्टों को मिटा दे
बिगड़ी बनाये बुझे दीपक जला दें
मेरी भी इक विनती सुन ले
करके शेर सवारी तू जो निकली सज धज के
तकता रहता तुझे लख लख ये मन है
फीका है हर रंग तेरे आगे धरती गगन गाये तेरी महिमा निराली
करके उपकार मेरे इस जीवन में तू रंग भर दे
राहों में तेरी फिर दीप मैं जलाऊंगा
छोटा सा घर का कोना उसे खूब सजाऊंगा
मां मेरे मन को मंदिर कर दे मैया मेरी लाज रख ले |
--------------------इति -----------------------
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