जिया न जाएगा
तुझसे बिछड़कर अब जिया न जायेगा
दूर कैसे रहूं कि अब रहा न जायेगा ।
हर लम्हा बस तेरा ही ख्याल है
तुझ बिन दिल बेहाल है
अब कहाँ ये दिल चैन पायेगा
संग जो तू न रहा तो सुकून बस यू ही
खो जायेगा।
मान लिया हमने तुझको हमदर्द
अपना बस कैसे तुझसे
दिल ये बिछड़ पायेगा ।
रहता है बस मन तेरे आसपास ही
पागल है , ये जाने कब समझ
पायेगा
खोया है ये तो ख्यालो में तेरे
न होश है न इसको करार
है , जाने ये इश्क कहाँ ले जायेगा
धड़कता है बस तेरा नाम ले
लेकर ही ,तेरा ये
जुनून मुझे दीवाना बनायेगा
डरता है दूर होने की बात
से ही ,दूर जो तू हुआ
ये फिर बिखर जायेगा
तुझसे बिछड़कर अब
जिया न जायेगा।
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