राणा के जयकारों से
 
 
 
 
 
 
 
चप्पा चप्पा गूंज उठा राणा के जयकारों से
मुग़लों को मार गिराया तीखे हथियारों से।

राजस्थान में जन्मा एक शेर जो था मेवाड़
के गलियारों से।
हल्दी घाटी भी रंग गई थी उसके कारनामों से
था धन्य हुआ राजस्थान भी उस वीर की वीरता से।

था एक घोड़ा नाम था चेतक साथ जो चलता करता
बातें हवाओं से।

अकबर को था दिया हरा करके युद्ध दोगुनी
सेनाओं से।

बीस हजार सैनिक लेकर फिर भी था भारी
वो पिचासी हजार की संख्याओं से।

चौड़ी थी छाती उसकी रखता था सजा उनको 
भाले और तलवारों से।

कभी न झुका वीर योद्धा राजपूत वो 
न घुटने टेके उसने डरकर मुग़लों की सेनाओं से।

कहलाया वो वीर योद्धा और सपूत अपने 
बलिदानों से।