जा अब तुझे भुला दूंगी
जा अब तुझे भुला दूंगी
दिल में जो अरमान सारे सब मिटा दूंगी
तुझसे दूर मेरी तन्हाई भली
अब ना तुझको कोई सदा दूंगी
देखकर हैरान हूं मैं फितरत तेरी
अब ना इस दिल को कोई सज़ा दूंगी
बाकी है ख़लिश इस दर्द ए दिल में अब भी
रोता है दिल संग बिताए हुए लम्हों को याद करके
दिल के आईने में सजी हुई थी तस्वीर तेरी
उस तस्वीर को अब हटा दूंगी
बसा हुआ था दिल के किसी कोने में
बरसों से तू ही शायद
अब उस कोने को ही दफना दूंगी
जा अब तुझे भुला दूंगी।
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